देव और उसकी पत्नी रचना ने हाल ही में एक पुराने महल जैसे घर में शिफ्ट किया था। यह घर शहर से बाहर, घने जंगल के बीच स्थित था। वे दोनों इस घर को खरीदने के बाद बहुत खुश थे, लेकिन रचना को पहले दिन से ही अजीब सा एहसास होने लगा था। यह घर शांत था, पर एक अजीब सी खामोशी में गहरी घातक शक्ति महसूस होती थी। रचना को महसूस होता कि जैसे घर की दीवारें कुछ छिपा रही हों, कुछ ऐसा जो उन्हें कभी भी घेर सकता था।

एक रात, देव और रचना सोने के लिए अपने कमरे में गए थे, तभी अचानक घर की सारी बत्तियाँ चली गईं। अंधेरे में, रचना ने सुनी एक अजीब सी सरसराहट, जैसे किसी के पैरों की आवाज आ रही हो। रचना डर से कांप उठी, और देव से कहा, "क्या तुमने वह आवाज सुनी?" देव ने सिर हिलाया और कहा, "तुम्हें गलतफहमी हो रही है, बस सो जाओ।" लेकिन रचना का मन कह रहा था कि कुछ गलत था।

लेकिन रचना को वह आवाज लगातार सुनाई देती रही। कुछ देर बाद, देव को भी महसूस हुआ कि घर में कुछ अजीब घटित हो रहा है। रात के गहरे सन्नाटे में, अचानक उनके कमरे की खिड़की से खून के धब्बे दिखाई देने लगे। खून धीरे-धीरे खिड़की के शीशे पर फैलने लगा। देव और रचना के रोंगटे खड़े हो गए। उन्होंने खिड़की खोलकर बाहर देखा, लेकिन कोई नहीं था। अंधेरे में कुछ था, लेकिन वह चीज़ दिख नहीं रही थी।

अगले दिन, रचना ने एक बुजुर्ग महिला से सुना कि इस घर में कई साल पहले एक भयानक हत्याकांड हुआ था। उस घटना में एक परिवार के सभी सदस्य मारे गए थे, और घर की दीवारें खून से रंगी हुई थीं। लोग कहते थे कि घर में भूतों की आत्माएँ बसी हुई हैं, और हर रात वे उसी हत्याकांड की दर्दनाक चीखों को फिर से जीने लगती हैं। यह सुनकर रचना का दिल दहल गया, क्योंकि वह वही आवाज़ें सुन रही थी।

रचना ने उस महिला से और जानकारी प्राप्त की, तो पता चला कि उस परिवार के आखिरी सदस्य ने अपने रक्त से उस घर की दीवारों पर एक खतरनाक शाप लिखा था। वह शाप यह था कि इस घर में आने वाले हर व्यक्ति का खून उस रात की तरह बह जाएगा, और वे कभी शांति से नहीं रह पाएंगे। रचना और देव ने इस बात को सीरियस नहीं लिया, लेकिन जिस रात खून के धब्बे कमरे की दीवारों पर फिर से दिखने लगे, उन्होंने इसका सचमुच अनुभव किया।

एक रात, देव और रचना अपने कमरे में थे, जब अचानक रचना को लगा जैसे किसी ने उसे पकड़ा हो। वह बुरी तरह से चिल्लाई, और देव ने घबराकर उसे देखा। रचना की आँखों में डर था, और उसका चेहरा सफेद पड़ा हुआ था। "वह... वह!" रचना बोली, "उसने मुझे छुआ!" देव ने कहा, "किसे?" लेकिन रचना को समझ में नहीं आ रहा था। उसकी बातें अब असंभावित लग रही थीं। रचना डर और असमंजस में फंसी हुई थी।

जैसे ही देव ने रचना को शांत करने की कोशिश की, अचानक घर की छत से खून की धार बहने लगी। खून दीवारों से रिसते हुए नीचे गिरने लगा। रचना और देव की चीखें गूंज उठीं। और फिर, एक साया कमरे में घुसा, जिसकी आँखों में आग और चेहरे पर दर्द था। वह साया धीरे-धीरे देव और रचना के पास आया, जैसे वह उन्हें अपने साथ ले जाने आया हो। साया उसकी ओर बढ़ता गया, और हवा में एक अजीब सी ठंडक फैल गई।

उस साये ने अपनी हाथों की ओर इशारा किया और एक भयानक चीख मारी। साया जैसे ही उनके पास पहुंचा, दोनों की आँखें एक सफेद रौशनी से भर गईं। अगले ही पल, वह साया गायब हो गया। कमरे में फिर से खून के धब्बे फैलने लगे, और दोनों की सांसें थम गईं। वे महसूस कर रहे थे कि अब उनका शरीर और आत्मा दोनों उसी साये के प्रभाव में थे, और खून का यह धब्बा कभी भी खत्म नहीं होगा।

रचना और देव को अब यह समझ में आ चुका था कि उनका घर किसी बुरी आत्मा से भरा हुआ था। उन्होंने स्थानीय तंत्र-मंत्र विद्या करने वाले से मदद ली, और वह आत्मा उस घर से बाहर निकली। लेकिन, दोनों जानते थे कि उस घर का शाप अब उन्हें हमेशा के लिए पीछा करेगा। उनकी जिंदगी रक्त से रंगी रातों से कभी नहीं बच सकती थी। हर रात उन्हें वही खून के धब्बे और दर्दनाक आवाजें सुनाई देती थीं।

कुछ महीने बाद, रचना और देव को यह एहसास हुआ कि उस शाप ने उनका पीछा नहीं छोड़ा था। वे कहीं भी गए, रात के समय उन्हें वही भूतिया साया और खून के धब्बे महसूस होते थे। यह सजा उनके जीवन का हिस्सा बन चुकी थी। हर रात, वे इस अजीब खौ़फ से जूझते रहे, और यह डर कभी खत्म नहीं हुआ। अब वे समझ चुके थे कि उस घर का शाप उनकी आत्माओं पर हमेशा के लिए चिपक चुका था।

लोग अब कहते थे कि रचना और देव का घर उस शापित घर के समान ही हो गया था, और जो भी वहाँ गया, वह कभी शांति से नहीं रह सका। उनका जीवन एक रक्त से रंगी रात बन चुका था, जिसमें किसी भी तरह की राहत नहीं थी। उनकी आत्माएँ अब उस घर में बसी आत्माओं के साथ हमेशा के लिए जुड़ी हुई थीं।