विशाल एक शांत और संजीदा व्यक्ति था। एक छोटे से शहर में वह एक साधारण जीवन जीता था, जहाँ सभी उसे एक आदर्श नागरिक मानते थे। लेकिन उसकी इस सामान्य सी जिंदगी में एक गहरी सच्चाई छुपी हुई थी, जो अगर सामने आती, तो न सिर्फ उसकी बल्कि पूरे शहर की जिंदगी बदल सकती थी।

एक दिन, विशाल को एक अजनबी व्यक्ति मिला, जिसने उससे बिना किसी कारण के दोस्ती करना शुरू कर दिया। यह व्यक्ति, जिसे वह कभी नहीं जानता था, बहुत जल्द ही उसकी जिंदगी में घुस गया। वे दोनों अक्सर मिलने लगे, और विशाल के लिए यह अनायास ही एक नई दोस्ती बन गई। लेकिन, जितना वह इस दोस्ती में डूबता गया, उतना ही उसे महसूस होने लगा कि कुछ गलत हो रहा था। वह व्यक्ति उसे बार-बार कुछ ऐसा बताने की कोशिश करता था, जो वह छुपा कर रखता था।

एक शाम, जब वह व्यक्ति विशाल के घर आया, उसने अचानक विशाल से सवाल किया, "क्या तुमने कभी अपने अतीत के बारे में सोचा है?" विशाल यह सवाल सुनकर चौंका और उसने जवाब देने से पहले गहरी सांस ली। वह जानता था कि अतीत को खोदने का मतलब था उस सच्चाई को सामने लाना, जिसे वह बहुत समय से छुपा रहा था। लेकिन अब वह व्यक्ति जानता था कि उसे क्या छुपाया गया था, और यह रहस्य कहीं न कहीं उनके बीच दरार डालने वाला था।

उस व्यक्ति के प्रश्न के बाद, विशाल को डर महसूस हुआ। उसकी जिंदगी में एक ऐसा राज था जिसे किसी ने नहीं जाना था। वह एक नशीली दवाओं के सिंडिकेट का हिस्सा था, और उसने एक बार खुद को इस दुनिया से बाहर निकालने का प्रयास किया था। लेकिन उस समय उसके पास कोई रास्ता नहीं था। वह दवाइयों के व्यापारी के रूप में काम करता था, और वह जानता था कि उसकी जान अब केवल इस व्यक्ति के हाथों में हो सकती है।

वह व्यक्ति अब विशाल को धमकाने लगा था। वह विशाल से चाहता था कि वह अपने अतीत को सार्वजनिक करे, और अगर उसने ऐसा नहीं किया तो वह उसका राज खोल देगा। विशाल को महसूस हुआ कि उसका जीवन अब एक खतरनाक खेल बन चुका था, जहाँ उसे या तो सच बोलना था, या फिर अपनी जिंदगी के बाकी हिस्से को खतरे में डालना था। उसकी स्थिति बहुत पेचीदा हो गई थी।

एक दिन, विशाल ने वह आदमी सामने बुलाया और उसे पूरी सच्चाई बताने का फैसला किया। उसने बताया कि वह पहले एक छोटे से अपराधी था, और उसकी भागीदारी उन नशीली दवाओं के व्यापारी में थी। लेकिन उसने अपने जीवन को बदलने का प्रयास किया था और अब वह उन दिनों से बहुत दूर था। वह अजनबी व्यक्ति उसके इस बदलाव को स्वीकार करने के बजाय उसे कड़ी सजा देने की धमकी देने लगा।

विशाल का डर अब और भी बढ़ गया। वह नहीं जानता था कि वह व्यक्ति उससे क्या चाहता था और उसे कैसे बच सकता था। एक रात, वह व्यक्ति अचानक गायब हो गया। विशाल को लगा कि अब वह सुरक्षित है, लेकिन अगले ही दिन उस व्यक्ति का शव एक निर्जन जगह पर मिला। सबूतों के अनुसार, वह व्यक्ति किसी दूसरे के द्वारा मारा गया था। अब विशाल पर यह संदेह था कि उसने उस व्यक्ति को मारा था, और उसकी जिंदगी पूरी तरह से उलझ चुकी थी।

विशाल के लिए अब वह शहर, वह घर, और वह जिंदगी एक खतरनाक जाल बन चुकी थी। उसे समझ में आ गया कि उसके छुपे हुए राज ने उसकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया था। अब उसे हर कदम पर डर था कि कहीं वह पकड़ा न जाए। यह कहानी उस दिन के बाद की थी जब विशाल ने अपने अतीत को स्वीकार करने का फैसला किया, लेकिन अब वह जानता था कि सच का सामने आना हमेशा खतरे का कारण बनता है।

वह दिन दर दिन अपने खौ़फ को महसूस करता रहा। कभी भी उसे किसी न किसी मोड़ पर वह व्यक्ति याद आता था, और वह डरता था कि कहीं उसका राज और भी गहरे तरीके से सामने न आ जाए। वह कभी अपने शहर के किसी भी कोने में सुरक्षित महसूस नहीं कर सकता था, क्योंकि हर रास्ता उसे उस घातक अजनबी तक ले जाता था।

एक रात, विशाल को किसी ने उसकी खिड़की के पास आकर आहिस्ता से पुकारा। यह आवाज़ उसे बिल्कुल अजनबी की सी लगी, लेकिन यह तो वही व्यक्ति था, जिसे वह जानता था और अब वह मर चुका था। "क्या तुम समझ पाओगे?" उसकी आवाज़ में एक तन्हाई और डर था। विशाल ने कंबल से सिर ढक लिया, जैसे यह सब सपना हो।

अगली सुबह जब वह बाहर निकला, तो उसे किसी ने बताया कि एक नई हत्या हुई थी। इस बार सबूतों से पता चला कि वह व्यक्ति जो मर चुका था, अब भी किसी तरीके से सबके आसपास था। विशाल को महसूस हुआ कि उसकी जिंदगी अब सचमुच एक बुरे सपने में बदल चुकी थी, और वह कभी इससे बाहर नहीं निकल सकता था।

विशाल ने सोचा कि अब वह किसी भी कीमत पर अपने अतीत से पीछा छुड़ाना चाहता था। उसे डर था कि कहीं उसके द्वारा किए गए गुनाह, उसके द्वारा किए गए अच्छे कार्यों पर भारी न पड़ जाएं। वह सोचने लगा कि अगर उसने किसी को बताया तो उसका जीवन शायद और भी बुरा हो सकता है। मगर क्या सचमुच वह अपनी गलती को कभी छुपा पाएगा?

एक दिन विशाल ने सोचा कि शायद उसे भाग जाना चाहिए। उसने अपने पुराने दोस्तों से संपर्क किया और एक सुरक्षित रास्ता तलाशने की कोशिश की। वह जानता था कि अगर वह यहाँ से निकलने में कामयाब हो जाता, तो वह अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू कर सकता था। लेकिन हर बार, जैसे ही वह किसी योजना को अंतिम रूप देता, उसके आसपास वही अजनबी का भय उसे घेर लेता था।

विशाल की स्थिति दिन-ब-दिन कठिन होती जा रही थी। अब वह उस खौ़फ को महसूस करता था, जो उसने अपने अतीत में छुपाया था। हर कदम पर उसे यही डर था कि कहीं वह सच में पकड़ा न जाए। उसका आत्मविश्वास कमजोर हो चुका था, और वह जानता था कि उसे अपने अतीत को स्वीकार करने का फैसला लेना होगा, क्योंकि अब कोई रास्ता नहीं बचा था।