एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक अजीब सा सूरज चमकता था। यह सूरज अन्य सूरजों से बिल्कुल अलग था। इसका रंग था नीला! हर सुबह जब यह सूरज उगता, तो आसमान में एक नीला सा चमकता रंग फैल जाता। इस सूरज के कारण गाँव में सब कुछ अलग सा दिखता था।

गाँव के बच्चों को यह नीला सूरज बहुत अच्छा लगता था। लेकिन बड़ों को यह सूरज थोड़ा अजीब लगता। वे सोचते थे, "यह सूरज क्यों नीला है? क्या यह ठीक है?" लेकिन बच्चों को कभी कोई परेशानी नहीं होती। वे सूरज की नीली रोशनी में खेलते, कूदते, और दिनभर खुश रहते।

एक दिन, गाँव में एक छोटे से लड़के का नाम था समीर। समीर को सूरज के बारे में बहुत जिज्ञासा थी। वह हमेशा सोचता था कि नीला सूरज क्यों है और क्या इसका कोई राज़ छुपा है। एक दिन उसने गाँव के सबसे पुराने आदमी, बाबू दादा से पूछा, "बाबू दादा, सूरज हमेशा पीला क्यों नहीं होता? क्यों यह नीला है?"

बाबू दादा हंसते हुए बोले, "समीर, यह सूरज एक जादुई सूरज है। यह सूरज हमारे गाँव में एक विशेष उद्देश्य से आया है। यह सूरज हमें यह सिखाने के लिए आया है कि हम अपनी दुनिया को अपनी सोच से बदल सकते हैं। जब हम अपनी आँखों से दुनिया को प्यार और अच्छाई से देखेंगे, तो हमारी दुनिया भी सुंदर और खुशहाल बनेगी।"

समीर ने सोचा, "क्या यह सच है? क्या मैं अपनी सोच से इस दुनिया को बदल सकता हूँ?" वह पूरे दिन नीले सूरज की रोशनी में खेलता रहा और सोचता रहा। उसे महसूस हुआ कि नीला सूरज उसकी सोच को सकारात्मक बना रहा है।

अगले दिन, समीर ने गाँव के बच्चों से कहा, "अगर हम अपनी सोच में अच्छाई लाएंगे, तो हमारी दुनिया और भी सुंदर हो सकती है।" बच्चों ने उसकी बात मानी और सब ने मिलकर गाँव में सफाई की। वे सभी ने सोचा कि अगर हम हर दिन अच्छाई करेंगे, तो हमारी दुनिया और भी बेहतर होगी।

समय के साथ, गाँव में बदलाव आने लगा। लोग एक-दूसरे से प्यार से बात करने लगे, लड़ाई-झगड़े कम हो गए, और सभी मिलकर काम करने लगे। नीला सूरज अब सिर्फ एक रंग नहीं था, बल्कि एक प्रेरणा बन गया था, जो गाँव के लोगों को एकजुट करता था।

समीर और बाकी बच्चे हर दिन नीले सूरज की रोशनी में खुश रहते। उन्होंने महसूस किया कि सूरज का रंग तो बस एक बहाना था, असल में यह उनकी सोच और दिलों की अच्छाई थी, जो उन्हें प्रेरित कर रही थी। अब सबका विश्वास था कि अपनी सोच को सकारात्मक रखने से कुछ भी संभव हो सकता है।

सीख: "हमारी सोच ही हमारी दुनिया को बदल सकती है। अगर हम अपनी सोच में अच्छाई और प्यार लाते हैं, तो हमारा संसार सुंदर और खुशहाल बन सकता है।"

समाप्त