एक छोटे से गाँव में एक प्यारी सी बच्ची रहती थी जिसका नाम था नन्ही। नन्ही को किताबों से बहुत प्यार था। वह हर दिन नई किताबें पढ़ने में खो जाती थी। किताबों की दुनिया उसके लिए बहुत ही जादुई थी।
एक दिन नन्ही अपनी पसंदीदा किताब के पन्ने पलटते हुए एक अजीब सी आवाज सुनने लगी। वह घबराकर किताब से दूर हट गई और किताब को ध्यान से देखा। किताब में कुछ चमकने लगा। अचानक, किताब से एक छोटी सी परी बाहर निकली! वह परी बोली, "नमस्ते नन्ही, मैं हूँ किताबों की परी, और मैं तुम्हारी मदद के लिए आई हूँ।"
नन्ही चौंक गई, "क्या तुम सच में किताबों की परी हो?" परी मुस्कुराई और बोली, "हां, और मैं तुम्हें किताबों की जादुई दुनिया दिखाने आई हूँ। क्या तुम तैयार हो?" नन्ही ने खुशी से सिर हिलाया और परी के साथ चल पड़ी।
परी ने नन्ही को एक जादुई पुस्तक दी और कहा, "यह किताब तुम्हें उस दुनिया में ले जाएगी, जहाँ हर किताब की अपनी कहानी और जादू होता है।" जैसे ही नन्ही ने किताब खोली, वह एक अजीब सी दुनिया में पहुँच गई। चारों ओर किताबें तैर रही थीं और हर किताब में एक नई कहानी थी।
सबसे पहले, नन्ही और परी एक राजकुमार की किताब के पास गए। उस किताब के पन्नों पर राजकुमार का चित्र था, जो युद्ध में जीतने के बाद अपना राज्य लौट रहा था। नन्ही ने किताब के पन्नों को छुआ और देखा कि राजकुमार अपनी कहानी जी रहा था। वह पूरी दुनिया को बचाने के लिए एक बहादुरी से भरी कहानी में उलझा हुआ था। नन्ही ने समझा कि किताबों में कितनी शक्तियाँ होती हैं!
फिर परी ने नन्ही को हंसी की किताब दिखाई। इस किताब में एक प्यारी सी लड़की थी, जो अपने मजेदार कारनामों से सभी को हंसा देती थी। नन्ही ने देखा कि उस किताब के पन्नों में हंसी की आवाजें आ रही थीं। परी बोली, "हर किताब की अपनी एक जादूई शक्ति होती है। यह किताब तुम्हें हंसी का तोहफा देती है।"
नन्ही को अब समझ में आने लगा था कि किताबों की दुनिया कितनी अद्भुत होती है। हर किताब में एक नई दुनिया छिपी होती है। परी ने उसे और किताबों की जादुई बातें बताईं। "यह जो तुम देख रही हो, वह सिर्फ तुम्हारी कल्पना नहीं है। किताबें असल में हमारे दिलों और दिमागों को खोलती हैं।"
तभी परी ने नन्ही से कहा, "अब तुम्हें किताबों की दुनिया से बाहर जाना होगा। लेकिन याद रखना, जब भी तुम एक किताब खोलोगी, एक नई जादुई दुनिया तुम्हारे इंतजार में होगी।" नन्ही ने किताबों की परी को धन्यवाद दिया और धीरे-धीरे वापस अपने कमरे में लौट आई।
नन्ही अब और भी ज्यादा किताबें पढ़ने लगी। उसने पाया कि किताबों में ऐसी जादुई बातें छिपी होती हैं जो उसे हर रोज़ एक नई यात्रा पर ले जाती थीं। उसकी आँखों में हमेशा चमक रहती, और उसकी बातें भी अब और दिलचस्प हो गई थीं।
नन्ही ने समझ लिया था कि किताबें न केवल ज्ञान का खजाना हैं, बल्कि वे हमें जीवन के अलग-अलग पहलुओं से भी परिचित कराती हैं।
सीख: "किताबें न केवल हमें पढ़ने का तरीका सिखाती हैं, बल्कि वे हमारे भीतर जादू भी भर देती हैं। एक किताब खोलो और खुद को एक नई दुनिया में खो जाने दो।"
समाप्त