जंगल के एक हरे-भरे इलाके में एक छोटी सी चिड़ीया रहती थी जिसका नाम था चमेली। चमेली बहुत ही प्यारी और समझदार चिड़ीया थी, लेकिन उसे सबसे खास बात यह थी कि उसके पंखों में एक जादू था। जब भी वह अपने पंखों को फैलाती, तो आस-पास का वातावरण बदल जाता। उसकी पंखों से न केवल सुंदर रंग निकलते थे, बल्कि उन रंगों से जो भी देखता, वह खुश हो जाता और उसका दिल हल्का हो जाता।

चमेली के पास यह जादुई पंख होने के बावजूद वह कभी भी इस जादू का गलत इस्तेमाल नहीं करती थी। वह जानती थी कि जादू की शक्ति बहुत बड़ी होती है और इसका सही इस्तेमाल ही सही होता है। एक दिन जंगल में एक बड़ा तूफान आ गया। हवा तेज़ चलने लगी, और पेड़-पौधे गिरने लगे। सभी जानवर डर के मारे इधर-उधर भागने लगे।

चमेली ने देखा कि सभी जानवर बहुत घबराए हुए थे। वह डरने के बजाय अपनी जादुई पंखों को फैलाकर आस-पास की हवा को शांत करने लगी। उसके पंखों से रंग-बिरंगी रोशनी निकलने लगी, और धीरे-धीरे हवा शांत हो गई। जंगल के सारे जानवर चमेली के पास आकर उसे धन्यवाद देने लगे।

एक दिन जंगल में एक बड़े जल स्रोत पर एक संकट आ गया। जलाशय में पानी कम हो गया था, और सभी जानवर पानी के लिए परेशान थे। चमेली ने फिर अपने जादुई पंखों को फैलाया, और वह कुछ विशेष आशीर्वाद के रूप में उन पंखों से आकाश में रंग-बिरंगे बादल बना दी। वह बादल धीरे-धीरे जलाशय के ऊपर छा गए, और तेज़ बारिश होने लगी। सभी जानवर खुश हो गए और उन्होंने चमेली को धन्यवाद दिया।

चमेली ने कभी भी अपनी जादुई शक्तियों का बुरे कामों में इस्तेमाल नहीं किया। उसने हमेशा दूसरों की मदद की, और यही कारण था कि उसे जंगल में सब से प्यार था। वह जानती थी कि असली शक्ति बाहरी ताकतों में नहीं, बल्कि दिल की अच्छाई में होती है।

एक दिन जंगल के सभी जानवरों ने मिलकर चमेली के लिए एक धन्यवाद समारोह रखा। उन्होंने कहा, "चमेली, तुम्हारे जादुई पंखों ने हमें कई मुश्किलों से बाहर निकाला है, लेकिन तुम्हारी असली शक्ति तुम्हारे दिल में है। तुम्हारी अच्छाई ने हमें यह सिखाया है कि जादू तो अंदर से होता है।"

चमेली ने मुस्कुराते हुए कहा, "धन्यवाद दोस्तों! हमें कभी भी अपनी शक्तियों का इस्तेमाल दूसरों की मदद के लिए करना चाहिए। असली जादू हमारी अच्छाई और दिल की सच्चाई में ही छुपा होता है।"

सीख: "असली शक्ति हमारी अच्छाई और दिल की सच्चाई में छुपी होती है। हमें अपनी शक्तियों का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए, ताकि हम दूसरों की मदद कर सकें।"

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