एक छोटे से गाँव में एक प्यारा सा बच्चा रहता था, जिसका नाम था नीलू। नीलू हमेशा खुश रहता था और उसका दिल हमेशा नई-नई चीज़ों के बारे में सोचता रहता था। उसकी सबसे बड़ी इच्छा थी कि वह आसमान में उड़ सके, जैसे पक्षी उड़ते हैं। नीलू का दिल हमेशा ख्वाबों में खोया रहता था, वह सोचता था कि अगर वह हवा में उड़ सके, तो कितना मज़ा आएगा।

एक दिन, नीलू खेलते-खेलते एक बगीचे में पहुंचा, जहाँ एक बहुत पुराना पेड़ खड़ा था। पेड़ के नीचे बैठा एक बुद्धिमान बूढ़ा आदमी नीलू को देखकर मुस्कुराया। "क्या तुम भी आसमान में उड़ने का सपना देखते हो?" बूढ़े आदमी ने नीलू से पूछा। नीलू ने सिर झुकाते हुए कहा, "हां, मैं हमेशा सोचता हूं कि अगर मेरा दिल हवा में उड़ सके, तो कितनी खुशी मिलेगी।"

बूढ़े आदमी ने नीलू की आँखों में झांकते हुए कहा, "तुम्हारा दिल हमेशा उड़ सकता है, लेकिन इसके लिए तुम्हें अपनी इच्छाओं और सपनों को सच्ची मेहनत और धैर्य से पूरा करना होगा।" नीलू को कुछ समझ नहीं आया, लेकिन उसने बूढ़े आदमी की बातों को ध्यान से सुना।

कुछ समय बाद, नीलू ने सोचा कि अगर उसे अपनी इच्छा पूरी करनी है तो उसे मेहनत करनी पड़ेगी। उसने अपने दोस्तों से सुना था कि बच्चों के लिए खास ट्रेनिंग होती है, जिससे वे अपनी इच्छाओं को उड़ाने के लिए तैयार हो सकते हैं। नीलू ने ठान लिया कि वह अपना सपना पूरा करेगा।

नीलू ने अपनी मेहनत और साहस से वह सब कुछ किया, जो उसके सपने को साकार कर सकता था। वह आसमान में उड़ने की कड़ी ट्रेनिंग लेता गया, और एक दिन वह उस पर कामयाब हो गया। अब वह अपने दोस्तों के साथ जब भी खुली हवा में उड़ता, उसका दिल खुशी से झूम उठता था।

लेकिन यह केवल शारीरिक उड़ान नहीं थी, नीलू का दिल अब अपनी सोच, अपने विचारों, और अपने सपनों के साथ भी उड़ता था। वह समझ चुका था कि असली उड़ान तब होती है जब हम अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष करते हैं, अपनी मेहनत से उन्हें पूरा करते हैं।

एक दिन नीलू ने अपनी उड़ान पूरी की और एक और विचार आया। "मेरे पास जो खुशी है, वह मैं दूसरों से भी साझा करना चाहता हूं।" नीलू ने अपनी उड़ान के बारे में गाँव के बच्चों को बताया, और उन्हें भी अपने सपनों को उड़ाने की प्रेरणा दी।

अब नीलू का दिल सच में हवा में उड़ता था, क्योंकि उसने समझ लिया था कि असली उड़ान हमें अपने मन के भीतर से मिलती है। हम जितना अधिक अपने सपनों को प्यार करेंगे, उतना अधिक हमें खुशी मिलेगी। नीलू अब हर दिन खुशी से भरपूर रहता था, क्योंकि वह जानता था कि असली उड़ान सच्चे दिल से होती है।

सीख: "सपने और इच्छाएँ तभी सच होती हैं जब हम उन्हें सच्ची मेहनत और प्रेम से पूरा करने की कोशिश करते हैं।"

समाप्त