एक छोटे से गाँव में एक प्यारी सी लड़की रहती थी, जिसका नाम था कियारा। कियारा को प्रकृति से बहुत प्यार था। वह हर सुबह उठकर बगीचे में जाकर फूलों की खुशबू लेती और पेड़ों के बीच खेलती। उसकी माँ उसे हमेशा बताती, "प्रकृति से जुड़कर रहना बहुत ज़रूरी है, इससे हमारी आत्मा को शांति मिलती है।"
एक दिन, कियारा ने सुना कि गाँव के पास एक बड़ा जंगल है, जहाँ बहुत सारी हरी-भरी घास और रंग-बिरंगे फूल उगते हैं। कियारा ने सोचा, "क्यों न आज उस जंगल में जाकर मैं हरियाली की खुशबू महसूस करूँ?" वह जल्दी से अपनी छोटी सी बैग लेकर घर से निकल पड़ी।
जंगल में प्रवेश करते ही कियारा को एक ताजगी महसूस हुई। यहाँ का हर पेड़, हर फूल उसे कुछ खास लग रहा था। हरी घास की खुशबू और ताजे फूलों की रंगत उसे बहुत आकर्षित कर रही थी। "वाह! यह जगह कितनी सुंदर है!" कियारा ने खुशी से कहा और अपने कदम जंगल के अंदर और बढ़ा दिए।
कियारा जंगल में और भी गहरी जाती गई। यहाँ तक कि उसे एक छोटी सी झील दिखाई दी, जहाँ कुछ बच्चों के साथ बत्तखें खेल रही थीं। कियारा ने झील के पास जाकर थोड़ी देर बैठने का सोचा। उसने अपनी आँखें बंद कर ली और गहरी सांस ली। "यह खुशबू इतनी ताजगी से भरी हुई है," कियारा ने खुद से कहा।
तभी कियारा ने एक अजीब सी आवाज़ सुनी। वह चौंकी और देखा कि एक छोटा सा खरगोश पास ही झाड़ी के नीचे छुपा हुआ था। कियारा धीरे-धीरे उसके पास गई और उसे नज़दीक से देखने लगी। खरगोश कियारा को देखकर थोड़ा डर गया, लेकिन फिर उसने महसूस किया कि कियारा उसे नुकसान नहीं पहुँचाएगी। वह धीरे-धीरे बाहर निकला और कियारा के पास आकर खड़ा हो गया।
"तुम बहुत प्यारे हो!" कियारा ने कहा। खरगोश ने अपनी आँखों से कियारा को धन्यवाद कहा और फिर झाड़ी के पीछे दौड़ गया। कियारा को बहुत अच्छा लगा कि जंगल में न केवल हरियाली है, बल्कि यहाँ के जानवर भी उसे दोस्त मानते हैं।
कियारा कुछ समय तक जंगल में घूमती रही। उसने देखा कि हर पेड़ और पौधा अपनी अलग खुशबू दे रहा था। एक पेड़ से मीठी खुशबू आ रही थी, तो दूसरे पेड़ से ठंडी और ताजगी वाली खुशबू। वह समझ गई कि प्रकृति का हर हिस्सा अपनी खुशबू से हमें शांति और ताजगी देता है।
कियारा जब घर लौटी, तो वह बहुत खुश थी। उसने अपनी माँ से कहा, "माँ, आज मैं जंगल में गई थी और वहाँ हरियाली की खुशबू से ऐसा लगा जैसे मैं पूरी दुनिया को महसूस कर रही हूँ। अब मुझे समझ में आया कि प्रकृति का प्यार हमें कितना शांति और आनंद देता है।"
माँ मुस्कुराते हुए बोलीं, "तुमने सही कहा, कियारा। जब हम प्रकृति से जुड़ते हैं, तो हमारी आत्मा को सुकून मिलता है। हमेशा इस खुशबू को महसूस करना और इसके साथ जुड़कर रहना।"
उस दिन के बाद, कियारा ने हर दिन जंगल की खुशबू महसूस करने की आदत डाल ली। उसे अब हरियाली की खुशबू के साथ जीना बहुत अच्छा लगता था। वह जान गई कि असली खुशी और शांति तब मिलती है, जब हम प्रकृति के करीब होते हैं।
सीख: "प्रकृति हमें शांति और खुशियाँ देती है। हमें हमेशा उसकी सुंदरता और खुशबू का सम्मान करना चाहिए।"
समाप्त